• Quickies

    Bheed jaise bane firne

    16:04:00
    रोज़ एक जैसी ज़िन्दगी जीने में मज़ा क्या है , जब हो सकते है अलग सबसे तो फिर भीड़ जैसे बने फिरने की वजह क्या है । Roj ek jaisi zindgi jeene me ...

    Uski yaade bechain kar jati hai

    15:54:00
    लगता है शायर जैसे सूख गए हो मेरी आँखों में से सारे आंसू मेंरे , मैंने गौर किया है उसकी याद अब रुलाने की बजाय बेचैन सा कर जाती है । Lagta h...

    Nami tere ishq ki

    15:52:00
    ज़िन्दगी मेरी भी मुरझा गयी इस सूखे गुलाब की तरह , जबसे नमी तेरे इश्क़ की दिल तक आना बंद हुई । Zinrgi meri bhi murjha gayi is sukhe gulan ki t...