वक़्त के हालातो में ढले है अलफ़ाज़ मेरे ,
जरूरत है सबसे जयदा जिसकी मुझे वही रहती है कम आज कल साथ मेरे ,
कैसे कम ही दर्द सीने का बता मुझे ए शायर ,
कोई सुनने को तैयार ही नही है जब दिल के साज मेरे ।
Waqt ke halato m dhale h alfaz mere ,
Jarurat h sabse jyda jiski mjhe wahi rhti h kam aaj kal sath mere ,
Kaise kam ho dard sine ka bata mujhe e shayar ,
Koi sunne ko tayyar hi nhi h jab dil ke saaj mere .
tanhai
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